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स्क्रीन से दूरी बनाए रखें: सोने से पहले मोबाइल, लैपटॉप या टीवी का इस्तेमाल कम से कम करें, क्योंकि इनसे नींद की गुणवत्ता पर असर पड़ सकता है।
एक आकाशीय गोला, जो संस्कृत मंत्र सुनते ही जाग जाता है
सपने मूल रूप से ऐसी कहानियां और चित्र होते हैं जो हमारा दिमाग में सोते समय बनते हैं। वे सजीव भी हो सकते हैं और कभी-कभी वे आपको खुश, उदास या डरा हुआ महसूस करा सकते हैं। और हमे यह लगता है की डरावने सपने क्यों आते हैं, जो पूरी तरह से भ्रामक या तर्कसंगत नहीं लगते हैं।
अगर आपकी नींद का कोई तय समय नहीं है, या आप देर रात भारी खाना खाते हैं तो इसका असर भी सपनों पर पड़ता है। पेट भारी होने से शरीर को आराम नहीं मिल पाता और नींद की गुणवत्ता घट जाती है। इसके अलावा, ज्यादा चाय, कॉफी या मीठे पदार्थों का सेवन भी मस्तिष्क को उत्तेजित कर देता है जिससे बुरे सपनों की आशंका बढ़ जाती है।
अच्छी नींद के लिए डाइट में शामिल करें ये फ्रूट-
इसके पीछे कई मानसिक और शारीरिक कारण होते हैं, साथ ही मेडिकल वजह भी शामिल होती है. आपने ये शब्द सुना होगा लेकिन कभी इसके बारे में गंभीर रूप से चिंतन नहीं किया होगा. आखिर ये क्या बीमारी है, कारण और लक्षण क्या हैं, कैसे इसका इलाज संभव है
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नींद का more info ध्यान रखें: दवाइयों के साथ-साथ अपनी नींद का ध्यान रखना भी जरूरी है। सुनिश्चित करें कि आप पूरी नींद ले रहे हैं, जिससे दवाओं का असर कम हो सके और आप बेहतर महसूस करें।
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सपनो का आपकी नींद पर नकारात्मक असर पड़ता है, यही नहीं यह आपके मानसिक तनाव को भी बढ़ा सकता है। चित्र : अडॉबीस्टॉक
दरअसल, साइंस भी अभी तक इस राज को नहीं सुलझा सकी है कि ऐसा होता क्यों है?
नींद न आने से भी ऐसा होता है. अगर अनिद्रा की समस्या है तो ऐसा होगा.